यहां बताई गई जानकारी आपके परीक्षा (ssc, पटवार, कांस्टेबल, एनडीए, बीएसटीसी, बीएड) के लिए उपयोगी हो सकती हैं।
विशिष्ठ
प्रथाएं
(1)
समाधि
प्रथा :- साधु महात्मा या पुरुष द्वारा मृत्यु के वरण करने के लिए जल समाधि या भू-
समाधि लेना।
(2)
केसरिया
करना :- राजा महाराजा व राजपूत योद्धा द्वारा सिर पर केसरिया धारण कर शत्रु पर टूट
पड़ना व वीरगति को प्राप्त होना।
(3)
जौहर
प्रथा :- युद्ध में जीत की आशा समाप्त हो जाने
पर वीरांगनाएं अपनी शील- सतीत्व की रक्षार्थ दुर्ग में अग्निकुंड में कूदकर जौहर कर
लेती थी।
(4)
सती
प्रथा :- यह प्रथा राजस्थान में सर्वाधिक राजपूत
व राजपुरोहित जाति में प्रचलित थी। इसमें पति की मृत्यु पर पत्नी का भी पति के साथ
अग्नि संस्कार होता था।
(5)
डावरिया
प्रथा :- इस प्रथा में राजा महाराजा व जागीरदारों द्वारा अपनी बेटी की शादी में दहेज
के साथ कुछ कुंवारी कन्याएं भी दी जाती थी।
(6)
नाता
प्रथा
(7)
त्याग
प्रथा :- 1841 में गैर कानूनी घोषित किया।
(8)
डाकन
प्रथा :- 1853 में मेवाड़ में गैर कानूनी घोषित।
(9)
बाल
विवाह :- 1929 में बाल विवाह निरोधक कानून पारित हुआ। जो ‘शारदा एक्ट ‘ के नाम से प्रसिद्ध
हैं।
(10) दास
प्रथा :- 1832 में रोक लगी
(11) विधवा
विवाह
➡ सोलह संस्कार
- गर्भाधान:-
- पुंसवन
- सीमन्तोन्नयन
- जातकर्म
- नामकरण
- निष्क्रमण
- अन्नपा्शन
- चुड़कर्म
- कर्णवेध
- विद्यारंभ
- उपनयन
- वेदारंभ
- गोदान
- दीक्षांत
- विवाह संस्कार
- अंत्येष्टि
अन्य
प्रमुख रीति रिवाज
- समेला :- वर के वधू के घर पहुंचने पर
वधू का पिता अपने संबंधियों के साथ वर पक्ष का स्वागत करता हैं।
- बंदोली :- विवाह के एक दिन पूर्व वर/वधू के घर मांगलिक गीत होना।
- गौना :- अवयस्क कन्या को वयस्क होने पर
ससुराल भेजना।
- बढ़ार :- विवाह के अवसर पर दिया जाने
वाला सामुहिक प्रीतिभोज
- कांकन डोर बांधना :- विवाह के पूर्व वर
व वधू के हाथ में बंधा गया मोली का धागा।
- जामना :- पुत्र जन्म पर नाई के पगल्ये
लेकर उसके ननिहाल जाता हैं। तब उसके नाना या मामा उपहार के रूप में वस्त्र , मिठाई
आदि लाते हैं। जिसे जामणा बोलते हैं।
- तोरण मारना :- विवाह के अवसर पर दूल्हे
द्वारा दुल्हन के घर के मुख्य द्वार पर टंगे तोरण पर तलवार या छडी लगाना।
राजस्थान
के लोक जीवन में प्रचलित खेल
(1)
लुकाछिपी:-
यह सबसे प्रसिद्ध खेल हैं।
(2)
मार
दड़ी :- इस खेल में एक कपड़े की बॉल जिसे दड़ी कहते हैं। वो जिसके पास होती हैं , वह
दूसरे खिलाड़ी को उससे फेंकर मारता है।
(3)
सिंतोलिया
:- इस खेल में सात पत्थर एक के ऊपर एक रखा जाता हैं, फिर एक टीम का खिलाड़ी उसे गेंद
से गिराकर भागता है और उसे फिर खड़ा करने आते हैं, दूसरी टीम को उसे खड़ा करने से रोकना
होता हैं।
(4)
कंचे:-
यह खेल कांच की छोटी- छोटी बॉलो से खेला जाता है।
(5)
गिली
डंडा आदि खेल।
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तलवार
बंधाई:- राज्य द्वार प्राप्त जागीर का नए उतराधिकारी से लिया जाने वाला शुल्क
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ताजीम:-
सामंत का विशेषाधिकार। जिसमे सामंत के दरबार में आने व जाने के समय राजा द्वारा उठकर
सम्मान देना।
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लाटा
:- भूमि कर की वसूली की प्रथा
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किणा
:- सब्जी व अन्य सब्जी के बदलने दिया जाने वाला अनाज।
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बड़ारण
:- जनाना महलों में नियुक्त महिला सेविका।
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पुरबिये
:- जनाना महलों के बाहर बैठकर प्रात: एवं सायंकालीन गायन करने वाले को पुराबिये कहते
थे।
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हरावल
:- सेना के अग्रभाग को हरावल कहा जाता था।
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