- राजस्थान खनिज संपदा की दृष्टि से प्रक संपन्न राज्य है। देश में राजस्थानए एकप्रमुख खनिज उत्पादक राज्य है।
- देश के कुल खनिजों में राजस्थान का लगभग 22 प्रतिशत योगदान है।
- देश के कुल खनिजों में 15 प्रतिशत धात्विक, 25 प्रतिशत अधात्विक एवं 26 प्रतिशत लघु श्रेणी के खनिजों का भी राज्य में उत्पादन होता हैं।
- राजस्थान में वर्तमान में 79 प्रकार के खनिज मिलते हैं। इनमें से 56 खनिजों का व्यावसायिक दोहन किया जा रहा है। जोकि देश के कुल खनिज उत्पादन का 9 प्रतिशत है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में खनिज क्षेत्र का योगदान 4.4 प्रतिशत है।
- राज्य से प्राप्त वाले प्रमुख धात्विक खनिज लौह-अयस्क तांबा, कैडमियम, सीसा, जस्ता, चांदी एवं मैंगनीज है।
- राजस्व के अर्जन में खनिज विभाग का प्रदेश में पांचवां स्थान है।
- केवल प्रत्यक्ष रूप खनिज स हा 4 लाख व्यक्ति तथा अप्रत्यक्ष रूप से 20 लाख व्यक्ति इस उद्योग में कार्यरत हैं।
- राज्य में खनिज संपदा विविधतापूर्ण है। इसलिए इसे 'खनिजों का अजायबघर' की उपमा से अलंकृत किया गया है।
राजस्थान के एकाधिकार वाले खनिज
सीसा, जस्ता 100 प्रतिशत
वोलेस्टोनाइट 100 प्रतिशत
केल्साइट 100 प्रतिशत
जिप्सम 99 प्रतिशत
चांदी 99 प्रतिशत
मार्बल (संगमरमर) 95 प्रतिशत
सेंड स्टोन (बालूका पत्थर) 92 प्रतिशत
गेरू (ऑकर्स) 92 प्रतिशत
बॉल क्ले 89 प्रतिशत
सॉप स्टोन (घीया पत्थर) 80 प्रतिशत
राजस्थान में पाए जाने वाले प्रमुख खनिजों को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है
धात्विक खनिज- लोहा, चांदी, टंगस्टन, मैंगनीज, सीसा, जस्ता, तांबा।
अधात्विक खनिज- एस्बेस्टस, वोलेस्टोनाइट, वरमीक्यूलाइट, फेल्सपार
सिलिका, रेत क्वार्टज, मैग्नेटाइट, डोलोमाइट, चायना क्ले, बॉल क्ले, फायरक्ले, पन्ना, गार्नेट, जिप्सम, रॉक फास्फेट, पाइराइट्स, चूना पत्थर, फ्लोरस्पार, बेराइट्स, बेन्टोनाइट, मुल्तानी मिट्टी, संगमरमर, ग्रेनाइट, व इमारती पत्थर, सोपस्टोन, केल्साइट, गेरू, नमक, अभ्रक, केओलिन,
स्टेट पत्थर।
ईंधन खनिज- लिग्नाइट, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस।
आणविक खनिज- लिथियम, यूरेनियम, बेरेलियम, थोरियम, ग्रेफाइट।
राजस्थान के खनिज
खनिज
1) लौह अयस्क (Iron Ore)
प्रमुख प्राप्ति स्थान:- जयपुर-मोरीजा बनोला क्षेत्र,
दौसा-नीमला राइसेला क्षेत्र, झुंझुनू-डाबला, सिंघाना, नीम का थाना, उदयपुर-नाथरा की पोल, थुर हुंडेर
2) सीसा-जस्ता
प्रमुख प्राप्ति स्थान:- उदयपुर-जावर, मोचिया, मगरा, राजसमंद-राजपुरा, दरीबा,भीलवाड़ा-रामपुरा, आगूचा, सवाई माधोपुर-चौथ का बरवाड़ा ,
3) तांबा
प्रमुख प्राप्ति स्थान:- झुंझुनूं-खेतड़ी, सिंघाना क्षेत्र , अलवर-खोदरीबा क्षेत्र
4) चांदी :- चांदी सीसे व जस्ते के साथ निकलती है।
5) मैंगनीज
प्रमुख प्राप्ति स्थान:- बांसवाड़ा-लीलवाना, तलवाड़ा
6)वोलेस्टोनाइट
प्रमुख प्राप्ति स्थान:- सिरोही, उदयपुर, पाली, रूपनगढ़ (अजमेर)
7) रॉक फॉस्फेट
प्रमुख प्राप्ति स्थान:- सर्वाधिक-उदयपुर, उदयपुर-झामर कोटड़ा, कानपुर, सीसारमा, बेलागढ़, भींडर।
जैसलमेर-बिरमानिया व लाठी क्षेत्र।
8) टंगस्टन
प्रमुख प्राप्ति स्थान:- डेगाना (नागौर),पाली-नाना कराब।
सिरोही-आबू, रेवदर।
राजस्थान खनिज नीति-2015
नोक, हाडला,
राजस्थान सरकार द्वारा जून, 2015 में राज्य की नवीन खनिज नीति जारी गई है।
इस नीति में खनिजों के विदोहन, न्यूनतम अवशिष्ट प्रणाली, अवशि्ट पुनर्चक्रण, रोजगार सृजन एवं राजस्व प्राप्ति हेतु विशेष प्रावधान किए गए हैं।
इस नीति की प्रमुख विशेषताएं निम्नानुसार हैं
राजस्थान की अर्थव्यवस्था में खनिज क्षेत्र के योगदान को क्रमश: बढ़ाना खनन क्षेत्र' में राज्य के कुल क्षेत्रफल के वर्तमान प्रतिशत 0.54 को बढ़ाकर 1.5 प्रतिशत तक करना।
खनन क्षेत्र में दोहने वाले खनिजों की संख्या बढ़ाकर 57 से 79 करता। खनिजों के विदोहन में नवीन तकनीकी का प्रयोग करना। खनन क्षेत्र में व्यवस्थित, वैज्ञानिक एवं समावेशी खनन के द्वारा पर्यावरणीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना।
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